रिश्तों के रंग में मेंहदी का रंग
महेंदी कितनी अच्छी लगती है , और दुल्हन के हाथों में तो कितनी सुंदर लगती है ।
ऐसी ही मेंहदी लगी थी चारु के हाथों में शादी की मेंहदी वो दुल्हन बनी , बारात आई फेरे हुए और चारु अपने पति (सुरेश ) की हुई , जैसे हर फेरे के साथ चारु की आंखों में सपने भरते जा रहे थे ।
एक आंख में सपने सज रहे थे , और दूसरी आंख में से अश्रुओं की धारा बह रही थी अपनो से बिछड़ने का डर था ।।
और फिर वो समय आया जब चारु अपने पति ( सुरेश) संग विदा हुई और ससुराल पहुंची जहां उसका अच्छा स्वागत हुआ , और खूब लाड़ प्यार भी मिला ।
चारु को उसके ससुराल ने खूब अच्छे से अपनाया और खूब ध्यान रखते थे ।
सभी बातों में चारु की सलाह ली जाती ।
कोई रोक टोक भी नही थी , जहां जाना होता वहां जाती और घर वाले भी कुछ ना बोलते ।
चारु ने भी अपनी ससुराल को अपना घर ही समझा , और सभी के साथ प्यार से रहती ।
भले ही चारु की मेंहदी का रंग फीका पड़ने लगा था , लेकिन चारु ने अपने व्यवहार से अपनी खुशबु पर परिवार में बिखेर दी थी , और पर परिवार की खुशबू अपने अंदर ले ली थी ।
चारु के व्यवहार का रंग भी घर में खूब दिखने लगा था ।
और धीरे धीरे चारु का डर भी खत्म हो गया था । क्योंकि चारु को अब अपने मायके और ससुराल में कोई अंतर नही दिखता था ।
चारु अपने दोनो परिवार के साथ बहुत खुशी खुशी रहती है ।।
नीर (निधि सक्सैना)❣️❣️
Gunjan Kamal
23-Dec-2022 11:30 PM
शानदार
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Mahendra Bhatt
23-Dec-2022 08:35 AM
Nice 👍🏼
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shweta soni
23-Dec-2022 07:42 AM
👌👌👌
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